छह महीने में 457 रुपये महंगा हुआ कामर्शियल गैस सिलेंडर

छह महीने में 457 रुपये महंगा हुआ कामर्शियल गैस सिलेंडर


एलपीजी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस बार यह वृद्धी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के कारण 11 दिन के लिए स्थगित रही। चुनाव प्रक्रिया खत्म होते ही तेल कंपनियों ने इस साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी (144.50) रुपये कर दी।


अब बुधवार से बगैर सब्सिडी के घरेलू सिलेंडर (14.2 किलो गैस) 869 रुपये की हो गई है। जबकि व्यावसायिक श्रेणी की 19 किलो रीफिल के लिए खरीदार को 1498 रुपये देने होंगे। घरेली सब्सिडी सिलेंडर पर अब 566.14 रुपये खर्च करने होंगे। ये पिछले महीने से लगभग 8 रुपये तो घकेल रीफिल बिना सब्सिडी के 282.50 रुपये महंगी हो चुकी है। वहीं, व्यवसायिक रीफिल पर 6 महीने के दौरान 457 रुपये बढ़ चुके हैं। इस अबधि में सरकार से सब्सिडी प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं की जेब पर भी डाका पड़ा है।


cylinder price in last 6 months


12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है सरकार
वर्तमान में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है। अगर इससे अधिक सिलेंडर चाहिए तो बाजार मूल्य पर खरीदारी करनी होती है। हालांकि सरकार हर साल 12 सिलेंडरों पर जो सब्सिडी देती है, उसकी कीमत भी महीने-दर-महीने बदलती रहती है। औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक सब्सिडी की राशि निर्धारित करते हैं।


मुश्किल में पीएनजी
एलपीजी छोड़ पीएनजी की शरण में जाना भी उपभोक्ताओं के लिए आसाना नहीं रहा। ग्रीन गैल लिमिटेड पर बुकिंग कराने के एक साल भी सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। कंपनी के ऑफिर में शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि टीम फिलहाल कहीं और काम कर रही है। जैसे ही अपेक्षित क्षेत्र में टीम पहुंचेगी, कनेक्शन लगवा दिया जाएगा। इस संबंघ में पूछे जाने पर ग्रीन गैस प्रबंधन ने बताया कि उनकी तरफ से कहीं कोई ढिलाई नहीं है। जरूरी अनुमति नगर निगम से ले ली गई। लेकिन उनके द्वारा बार-बार काम रोके जाने के कारण कई ठेकेदार भाग चुके हैं। इस हालातों में ग्रेन गैस आगरा शहर के अपने प्रोजेक्ट को समय से पूरा नहीं कर पा रहा।